SILENCE— THE BEGINNING

The silence program was sheduled from 24th to 27th Dec. and the timings were from 6 a.m. to 9 p.m. This program is usally residential but occasionally , in the absence of lodging facilities, this via media is taken. I would like to continue in hindi from here, because–  कोई  इन्सान चाहे कितनी ही भाषाएं बोल सकता हो पर जब भी वह  अपने मन की बात कहना चाहता है तो उसकी ज़ुबान को केवल मातृ- भाषा ही सुहाती  है ।
                         सुबह ठीक पांच बजकर पैंतालिस मिनिट पर हमारी मोर्चा  तैनाती थी सो एक दिन पहले लामबन्द होना लाज़मी था ।   ” सुयोजना सफलता की जननी है ” अपने इस मूल-मन्त्र के आधार पर हमने सबसे पहले home- front की नाका-बन्दी की।  हफ्ते भर का मेनू बना कर अपने man- friday को पकड़ाया ।  
                 घर को सुचारू ढंग से चलाने ख़ातिर कारिन्दों  को जब ढेर सी हिदायतें देनी शुरू करी तो एक मुंह लगा चहक कर बोला–” मांजी !  बाकी सबै समझ में आ गया पर यह स्लेट- चाक- डस्टर आप हमें काहे दे रही है, बोलना तो आपका बंद होगा, हमारा थोड़े ही।”   कोई और समय होता तो हम उसे धर लेते पर मिशन की सफलता  इसी सेना पर निर्भर थी , सो खींसें नपोरते बोले–  “शाबाश । क्या अक्ल की बात की है!!  अगर सभी ने इसी तरह अक्ल लगा कर काम किया तो कोर्स पूरा होने के बाद सब को इनाम मिलेगा।”    सब के चेहरे से छलकती खुशी का कारण  हमारा मौन-व्रत था या घोषित इनाम — इस विषय पर अभी सोच-विचार बेकार था।
                                  बहूरानी को सात दिन के लिए महारानी का ताज पहना कर हमने अपनी तैयारी शुरू की।  कपड़े का झोला उठा कर सबसे पहले उसमें दवाईयां रखी । सेहत की दगाबाज़ी की वजह से एक साल पहले भी Bangalore Ashram से हम बैरंग लिफाफे जैसे लौटाल दिए गए धे।  अब की बार, हम हैं तैयार –की लय पर डबल चौकस थे।
                                शुगर critically low ना हो जाए  सो गुलूकोस, टाफी, Parle G के बिस्कुट को सहेजा और कहीं  dangerouly high ना हो जाए  इसलिए Insulin Injection  का इन्तज़ाम किया।  हाई और लो शुगर नापने के लिए  Blood Glucose Monitor का साथ होना भी अति आवश्यक था। 
                                     Blood- Pressure सीमा  ना लाघें  अतः B.P. Monitor और  ASPRIN रखना हमारी मजबूरी थी।  योग और व्यायाम के चक्कर में कोई चूल ना चरमरा जाए इसलिए  knee-band, ankle-band,  wrist-band,  collar, waist- belt निहायत ज़रूरी थे।
                         शेष पानी की बोतल, बिन्दी, साबुन , क्रीम ,कघां,  क्लिप, शीशा, रुमाल, रुपए, सिक्के, सूई- तागा, चाकू, चश्मा, पेन, डायरी, डियो , बैन्ड- एड, लौंग, इलायची, ये सब तो हर सुघड़ नारी के झोले नुमा पर्स की सम्पत्ति है सो हमारे पास भी थे ।
                          अपने झोले की ज़िप बंद कर, सुबह पहनने के कपड़े सेट कर और दो मोबाइलों और एक टाइम पीस पर अलार्म  लगा कर  हम लेटने ही वाले थे कि फोन की घन्टी बज उठी। दूसरी ओर हमें इस कोर्स की ओर धकियाने वाली हमारी बहनजी थी। हमने बड़ी गर्मजोशी से उन्हें अपनी सारी तैयारी का  ब्योरा दे डाला।
                      उधर से आवाज़ आई–My God ! You and your possibilities,  probabilities and  your imaginative capabilities. Why can’ t you just relax and have faith that everything will be fine?  If you really want to enjoy this journey, please TRY TO SILENCE YOUR MIND  AND  REMEMBER—

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