रत्ना की रसोई में नित नए पकवान पकते हैं। कभी मीठे, कभी तीखे, कभी खट्टे तो कभी करेले से कड़वे । आप आएं, दोस्तों को लाएं। भर पेट खाएं, चखें-चखाएं या सूंघ कर आगे बढ़ जाएं, सब आपकी पाचन-शक्ति पर निर्भर है। हमने तो पकाया है ,सो परोसेगें ज़रूर ।।
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